[vc_row][vc_column][vc_column_text]7 अक्टूबर 2015
इंडो-जर्मन संयुक्त अभियान दल ने 5312 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेहद कठिन ट्रेल दर्रा पार करने में कामयाबी हासिल की है। दल के सदस्यों ने 30 सितंबर को ट्रेल दर्रे पर तिरंगा फहराया। दिल्ली की व्हाइट मैजिक ट्रैवल कंपनी के सहयोग से संचालित इस अभियान दल के 14 सदस्यों ने पिंडारी के जीरो प्वाइंट में बेस कैंप स्थापित किया था। मंगलवार को दल के सदस्य मुनस्यारी पहुंचे।
अभियान दल का नेतृत्व अल्मोड़ा निवासी ध्रुव जोशी ने किया। उनके साथ जर्मनी के उलिच रौनर, कैरीन रौनर, भीमताल के नीतेश जोशी, लेह के तासी थुंग्चू, हरिद्वार के विनीत जोशी, जोशीमठ के प्रमोद भंडारी, बागेश्वर के नरेश हरड़िया, दार्जिलिंग के सीरी राज, तेंबा शेरपा, चमोली के मोहन सिंह, त्रिलोक सिंह, मकर सिंह और करन सिंह थे।
दल के सदस्यों ने 22 सितंबर को पिंडारी में जीरो प्वाइंट पर बेस कैंप बनाया। उसके बाद तख्ताखड़क में एडवांस कैंप स्थापित किया गया। 5307 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रौकवाल में हाईकैंप की स्थापना की गई। 30 सितंबर को सुबह करीब 11 बजे जर्मनी और भारतीय पर्वतारोही ट्रेल दर्रे पर पहुंच गए।
ध्रुव जोशी ने बताया कि इससे पहले ट्रेल दर्रा पार करने के लिए 86 बार अभियान हो चुके हैं लेकिन कामयाबी अब तक मात्र 14 दलों को मिल पाई है। ध्रुव जोशी ने इससे पहले 13वें अभियान दल के साथ भी हिस्सा लिया था।
वह बताते हैं कि ट्रेल दर्रे में सुबह और शाम के समय तेज बर्फीली हवाएं चलती हैं। इसी कारण अभियान दलों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
समाचार स्रोत: – अमर उजाला[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]