2016 में बदल जाएगा केदारनाथ धाम

2016  में बदल जाएगा केदारनाथ धाम

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जून 2013 में आपदा से तहस-नहस हुआ केदारनाथ धाम आने वाले दिनों में नए रूप में दिखाई देने वाला है। केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर जीओ टेक्सटाइल तकनीकी से बनाया जा रहा स्नान घाट 2016 जनवरी माह के पहले सप्ताह में पूरा हो जाएगा। IIT रुड़की के डिजायन और CBRI की संस्तुति से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) जुलाई माह से केदारनाथ में स्नान घाट का निर्माण कर रहा है। दो सौ मीटर लंबे स्नान घाट का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। घाट के निर्माण में विदेशों में अधिक बर्फ और बारिश वाले स्थानों में उपयोग होने वाली जीओ टेक्सटाइल तकनीक का उपयोग हो रहा है।

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सीढ़ियों और फर्श पर भी तकनीक से पठाल बिछाई जाएगी। इसके अलावा स्नान घाट के ऊपरी फर्श पर छतरियां भी बनाई जाएंगी। महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए एक से अधिक संख्या में स्नानघर व शौचालय की व्यवस्था भी होगी। घाट के बनने से अगले वर्ष से धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को नदी में स्नान, कर्मकांड और अन्य कार्यों के लिए दिक्कत नहीं होगी।

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दूसरी तरफ घाट के चारों तरफ तीन सौ मीटर के दायरे में मिट्टी की परत को भी वैज्ञानिक विधि से मजबूत किया जाएगा। पॉली बेनायल फ्लोराइड से बनी कपड़े जैसी पतली चादर को जीओ टेक्सटाइल कहा जाता है। यह बर्फ और ज्यादा पानी वाले स्थानों पर होने वाले निर्माण में उपयोग में लाई जाती है। मिट्टी पर मजबूत पकड़ बनाने वाला टेक्सटाइल से निर्माण में परत-दर परत पॉली बेनायल फ्लोरायड और मिट्टी की परत बिछाई जाती हैं।
 
 

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