भगवान केदारनाथ के साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
आज सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बाबा केदारनाथ के कपाट बंद किए गए। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान की पंचमुखी उत्सव डोली सेना के जेकलाई रेजीमेंट के बेंड की धुनों के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल के छह माह में भोले बाबा की पूजा अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में संपन्न होगी।
इस साल केदारनाथ यात्रा पहली बार 7 लाख 32 हजार 241 यात्री पहुंचे।
यमुनोत्री धाम के कपाट भी हुए बंद
यमुनोत्री धाम के कपाट भयादूज के अवसर पर विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ आज 12.15 मिनट पर बंद कर दिए गए। मां यमुनोत्री को लेने के लिए खरसाली से शनिदेव की डोली यमुनोत्री पहुंची। शनिदेव की इस डोली के साथ मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी। शीतकाल में यात्री मां यमुना के दर्शन उनके मायके व शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे।