विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी एक जून को देश-विदेश के पर्यटकों के लिए खुल जाएगी। इस बार हुई बर्फबारी से घांघरिया से फूलों की घाटी तक 3 किमी पैदल ट्रेक क्षतिग्रस्त पड़ा है, जिसे 15 मई तक दुरुस्त कर दिया जाएगा। भारी बर्फबारी की वजह से पैदल रास्ते के साथ ही खीर गंगा और अन्य स्थानों पर बने पैदल पुलों को हानि पहुंची है। इसे देखते हुए पार्क प्रशासन ने 15 अप्रैल से हिमखंडों को काटकर रास्ता बनाने और पैदल पुलों को दुरुस्त करना तय किया है।
घांघरिया से फूलों की घाटी तक तीन किमी पैदल ट्रेक जगह-जगह क्षतिग्रस्त पड़ा है। यहां एक किलोमीटर पैदल रास्ता करीब चार मीटर तक ध्वस्त पड़ा हुआ है। रास्ते में दो जगहों पर हिमखंड भी टूटे हुए हैं। 15 मई तक ट्रेक को आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया जाएगा और एक जून को फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी।
अंग्रेज पर्यटक ने खोजी थी यह घाटी
फूलों की घाटी की खोज 1931 मे ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रेंक एस स्माइथ ने की थी। कामेट पर्वत आरोहण के बाद रास्ता भटककर वे यहां पहुंचे थे। उन्होंने वैली ऑफ फ्लावर नाम की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक प्रकाशित की।
पिछले साल सीजन के दौरान बेहतर मौसम होने की वजह से फूलों की घाटी में रिकॉर्ड 13500 पर्यटक पहुंचे थे।